सूखे आँसू
आज दिनांक २९.७.२३ को प्रदत्त विषय सूखे आंसू पर मेरी प्रस्तुति
वास्ते प्रतियोगिता
सूखे आंसू:
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पलकों की कोरों पर आ कर ठहर गये जो दो आंसू,
बह जायेंगे गालों पर,तुमको असर पड़ेगा क्या !
बरसों याद किया है तुमको,तुम तो जा कर भूल गये,
मैं ठहरी एक हमराही तुम साथ निभा कर भूल गये।
नये चमन मे नये फूल से उलझा होगा तन और मन,
नहीं ज़मीर तुम्हारा कोई नित खोजोगे नया चमन ।
मैंने तो अब तक ऐ साजन तुमसे बफ़ा निभाई है,
पतिव्रत धर्म निभाया मैंने तुमसे प्रीत लगाई है।
अब तुम चाहे मत भी आना मैं वादे पर क़ायम हूं,
तुम जो जी चाहे कर लो मैं वादे पर मर जाऊंगी ।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
Shashank मणि Yadava 'सनम'
30-Jul-2023 09:10 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Reena yadav
30-Jul-2023 12:40 AM
👍👍
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